नई दिल्ली: इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (आईजीआई) के टर्मिनल 1D की छत गिरने के चार दिन बाद भी यात्रियों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रहा है। विमानों के टर्मिनल बदलने और समय और उड़ान संख्या में बदलाव होने से यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
हालांकि उनकी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए एक वॉर रूम बनाया गया है जहां से उड़ानों के संचालन और यात्रियों की आवाजाही पर नजर रखी जा रही है। इससे यात्रियों को थोड़ी रहत तो मिल रही है लेकिन फिर भी उनकी परेशानी अभी ख़त्म होने का नाम नहीं ले रही है।
उड्डयन मंत्री ने लिया जायजा
इस हादसे के बाद से ही उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू इस मामले पर लगातार नजर रख रहे हैं। उन्होंने रविवार को औचक निरीक्षण कर यात्रियों से जुड़ी सुविधाओं का जायजा लिया और अधिकारियों के साथ बैठक कर मौजूदा स्थिति की समीक्षा की।
इंडिगो एयरलाइंस पर भारी प्रभाव
इस हादसे से इंडिगो एयरलाइंस सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है। इसके 21690 यात्री अभी तक प्रभावित हुए हैं। इनमें से 12194 यात्रियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है, जबकि 9,431 यात्रियों ने अपना टिकट निरस्त कर दिया है।
स्पाइसजेट भी प्रभावित
टर्मिनल 1 से संचालित होने वाले स्पाइसजेट के 925 यात्री भी प्रभावित हुए हैं। इनमें से 250 यात्रियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है, जबकि 535 यात्रियों को रिफंड दिया गया है।
टर्मिनल 1D: अस्थायी टर्मिनल जो स्थायी बन गया
जिस टर्मिनल की छत गिरी है, उसे टर्मिनल 1D के नाम से जाना जाता था। यह 2017 में बना था और इसे अस्थायी टर्मिनल बताया गया था। बाद में इसे तोड़ने की योजना थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
अतिरिक्त कर्मियों की तैनाती
टर्मिनल 1 से विमानों के संचालन प्रभावित होने से टर्मिनल 2 और 3 पर यात्रियों का दबाव बढ़ गया है। इस वजह से यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है। इसी को देखते हुए अधिकारियों ने टर्मिनल 2 और 3 पर अतिरिक्त कर्मियों की तैनाती की है।
यात्रियों को सलाह
यदि आपने इंडिगो एयरलाइंस की टिकट बुक की है, तो घर से निकलने से पहले अपने विमान की स्थिति और नंबर जरूर चेक कर लें। एयरलाइन ने आईजीआई से संचालित होने वाले करीब 64 विमानों के नंबर में बदलाव किया है। यात्रियों को ई-मेल और मोबाइल पर मैसेज भेजकर इससे अवगत करा दिया गया है।
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की छत गिरने से यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है। उड्डयन मंत्री और अधिकारी इस मामले पर लगातार नजर रखे हुए हैं और यात्रियों की सुविधा के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।