देवरिया, 15 जुलाई 2024: सियाचिन में 19 जुलाई 2023 को आग लगने से शहीद हुए कैप्टन अंशुमान सिंह के परिवार को आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस फंड से 1 करोड़ रुपए दिए गए हैं। यह रकम अंशुमान के माता-पिता और उनकी पत्नी स्मृति सिंह के बीच आधी-आधी बांटी गई है। शहीद के पिता रिटायर्ड JCO हैं और उन्हें पहले से ही पेंशन मिल रही है।
माता-पिता ने बेटे की सम्मान राशि को लेकर उठाए थे सवाल
शहीद के माता-पिता ने पहले मीडिया में आकर कहा था कि उनके बेटे को मरणोपरांत सम्मानित किए गए कीर्ति चक्र को उनकी बहू ने छूने तक नहीं दिया और शहीद होने के बाद सम्मान लेकर चली गईं। उन्होंने यह भी कहा था कि उनके पास कुछ नहीं बचा है और आर्मी को शहीद के परिवारों को मिलने वाली वित्तीय सहायता के नियमों में बदलाव करना चाहिए।
पत्नी को मिली पेंशन और सरकारी सहायता
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह की पेंशन उनकी पत्नी स्मृति को मिलेगी क्योंकि अंशुमान ने उन्हें अपना नॉमिनी बनाया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने भी परिवार को 50 लाख रुपए की सहायता दी थी, जिसमें से 15 लाख रुपए माता-पिता और 35 लाख रुपए स्मृति को दिए गए थे।
सेना के नियमों पर सवाल
इस घटना ने सेना के नियमों पर सवाल उठाए हैं, खासकर उन मामलों में जहां शहीद के माता-पिता उन पर आश्रित होते हैं। आर्मी का कहना है कि ऐसे मामलों को आमतौर पर यूनिट स्तर पर ही निपटा लिया जाता है, लेकिन अंशुमान का मामला अलग है क्योंकि उनके पिता भी सेना में रह चुके हैं।
पत्नी ने सुनाई अपनी व्यथा
शहीद की पत्नी स्मृति सिंह ने कहा है कि अंशुमान के शहीद होने की खबर ने उनके 50 साल के सपनों को तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि अंशुमान एक सक्षम अधिकारी थे और अक्सर कहते थे कि वे सीने पर गोली खाकर शहीद होना चाहते हैं।
उन्होंने बताया कि उनकी मुलाकात इंजीनियरिंग कॉलेज में हुई थी और यह पहली नजर का प्यार था। शादी के दो महीने बाद ही अंशुमान की सियाचिन में पोस्टिंग हो गई थी। 19 जुलाई 2023 की सुबह उन्हें शहीद होने की खबर मिली।