आज के समय में टेक्नोलॉजी का जमाना है और इंटरनेट पर सभी लोग रोजाना अपना समय बिताते है। जब आप गूगल पर कुछ जानकारी लेना चाहते है तो आपको मिनटों में ये जानकारी गूगल के द्वारा आपने सामने पेश कर दी जाती है। गूगल की तरफ से आपको बहुत सारी वेबसाइट को आपके सामने पेश किया जाता है जिनमे से आपको जो जानकारी अच्छी लगती है उसी को आप पढ़ते है और बाकि को आप स्किप कर देते है। गूगल की तरफ से आपके द्वारा की गई ये सभी कार्यवाही को रिकॉर्ड किया जाता है और आपके द्वारा की गई इस खोज के आधार पर ही गूगल ये तय करता है की आपने जिस भी वेबसाइट को अपने से संबबंधित जानकारी के लिए ओपन किया था उसमे आपको जानकारी मिली या नहीं। लेकिन कैसे करता है ये सब गूगल? चलिए जानते है।
गूगल सबकुछ देखता है
गूगल की तरफ से सभी विजिटर का इंटरनेट पर बिताया गया हर पर रिकॉर्ड किया जाता है। उदहारण के लिए अभी आप अपने फ़ोन के ब्राउज़र में जाकर किसी भी घड़ी के बारे में सर्च करके देखिये। जब आप घड़ी के बारे में सर्च करेंगे तो कुछ ही देर में आपके फ़ोन में सभी एप्लीकेशन में घड़ी के ही विज्ञापन आपको दिखाई देने लग जायेंगे। गूगल ने ये सब आपके द्वारा स्मार्टफोन में की गई गतिविधि को रिकॉर्ड करके ही किया है। और ऐसा सालों से होता आ रहा है।
कौन सी वेबसाइट में जानकारी सही है - गूगल कैसे जानता है?
गूगल पूरी दुनिया में इंटरनेट पर एक एक यूजर के द्वारा की गई हर प्रतिक्रिया को रिकॉर्ड करता है। वो ये भी रिकॉर्ड करता है की कोई भी यूजर जब भी किसी वेबसाइट पर गया तो उसने वहां पर कितना समय बिताया और उस पेज के कौन कौन से कोने में गया। इसके अलावा यूजर ने उस पेज पर कहाँ कहाँ पर क्लिक किया। इन सबके जरिये ही गूगल को ये पता चलता है की जो पेज यूजर ने खोला है उसमे जानकारी उसके काम की है या नहीं। यदि किसी भी पेज में दी गई जानकारी यूजर के हिसाब से सही नहीं है तो यूजर उस पेज पर ज्यादा देर नहीं रुकेगा और पेज को बंद करके बहार आ जायेगा। यूजर की इस प्रतिक्रिया के जरिये और उसका उस वेबसाइट के पेज पर बिताये गए समय के आधार पर ही ये निर्धारित किया जाता है की पेज में दी गई जानकारी काम की है या नहीं है।
गूगल में बाउंस रेट क्या होता है?
हमने आपको ऊपर जो बताया है की यूजर पेज पर कितनी देर रुका और उसने उस पेज पर क्या क्या प्रतिक्रिया दी है, को रिकॉर्ड करता है। अब किसी भी पेज पर यूजर की प्रतिक्रिया और रुकने के समय के आधार पर बाउंस रेट को तय किया जाता है। बाउंस रेट किसी भी वेबसाइट के वेब पेज पर आये उन लोगों का प्रतिशत होता है जो लोग पेज पर आते है और बिना कुछ किये तुरंत ही बाहर चले जाते है।
What is bounce rate in google analytics
अगर इसको एक उदहारण से समझे तो मान लो की आज 100 लोगों ने किसी कार के बारे में सर्च किया और वे सभी एक वेबसाइट पर इसकी जानकारी लेने के लिए आये। लेकिन उन सभी में से 40 लोगों को जानकारी सही नहीं लगी और तुरंत वेबसाइट को बंद करके दूसरी वेबसाइट पर चले गए। अब ये जो 40 लोग है जो तुरंत बाहर चले गए ये उस वेबसाइट के उस पेज का बाउंस रेट होगा। यानि की यूजर वेब पेज पर आया और बिना कुछ किये वहां से चला गया। ऐसे सभी यूजर को काउंट करके उनके प्रतिशत को ही बाउंस रेट प्रतिशत कहा जाता है।
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