नई दिल्ली, 19 जून 2024: केंद्र सरकार ने आज किसानों के लिए बड़ी राहत देते हुए 14 खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में 50% तक की बढ़ोतरी का ऐतिहासिक फैसला लिया है। यह फैसला बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल और आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCEA) की बैठक में लिया गया।
इस फैसले के तहत, धान का MSP 117 रुपये प्रति क्विंटल बढ़कर 2300 रुपये प्रति क्विंटल हो जाएगा। यह 2013-14 में तय किए गए 1310 रुपये प्रति क्विंटल के एमएसपी से 77% अधिक है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस ब्रिफिंग में कहा कि “यह किसानों के लिए एक बड़ी सौगात है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने हमेशा किसानों को प्राथमिकता दी है और उनके सम्मान और कल्याण के लिए लगातार काम कर रहे हैं।”
अन्य फसलों का MSP
- कपास: 501 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि
- मक्का: 359 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि
- सोयाबीन: 462 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि
- तुअर: 540 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि
- उड़द: 635 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि
- मूंग: 750 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि
कुल मिलाकर, सरकार का अनुमान है कि इस फैसले से किसानों को 2 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त लाभ होगा। सरकार के द्वारा लिए गए इस फैसले के बाद से देश के किसानों को काफी लाभ मिलने वाला है और इस फैसले के बाद में सरकार की काफी सराहना भी होनी है। किसान काफी दिनों से MSP की डिमांड कर रहे थे और आखिर सरकार की तरफ से इसको लेकर फैसला ले लिए गया है।
MSP वृद्धि के अलावा, कैबिनेट ने निम्नलिखित महत्वपूर्ण फैसले भी लिए
- महाराष्ट्र में 76,000 करोड़ रुपये की महापालगर-बधावन बंदरगाह परियोजना को मंजूरी दी।
- गुजरात और तमिलनाडु में 7,453 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ 1 गीगावॉट अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाओं को मंजूरी दी।
- वाराणसी हवाई अड्डे के विकास के लिए 2,869.65 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दी, जिसमें नया टर्मिनल भवन, रनवे विस्तार और अंडरपास राजमार्ग शामिल है।
यह स्पष्ट है कि नई सरकार किसानों और देश के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इन फैसलों से निश्चित रूप से किसानों की आय में वृद्धि होगी और देश के समग्र विकास को गति मिलेगी।
सरकार की तरफ से लिए गए इस फैसले के बाद में एक बात तो तय है की सरकार की तरफ से किसानों के लिए अभी और भी बहुत से फैसले लिए जाने है और सरकार की तरफ से इसकी शुरुआत कर दी गई है। सरकार के ये फैसले किसानों के हितों को ध्यान में रखकर लिए जा रहे है।