Summer Vegetables in india

गर्मियों के मौसम में उगाई जाने वाली प्रमुख सब्जियां Summer Vegetables in india

यदि आप भी एक किसान या फिर बिजनेसमैन हो, तो मौसम के हिसाब से खेती करना बहुत ही जरूरी है। क्योंकि यदि मौसम के अनुसार खेती करी जाएं तो उसमें अधिक आमदनी और अधिक उपज प्राप्त होती है।

और प्रत्येक किसान को हमेशा यह चिंता रहती है कि आने वाले मौसम में कौन सी फसल/सब्जी (summer vegetables) उगाना सबसे बेहतर होगा और खासकर गर्मियों के मौसम में उगाई जाने वाली सब्जियों (summer vegetables in india) की बाजार में अधिक डिमांड रहती है।

क्योंकि गर्मियों के मौसम में हर एक किसान सब्जियों (summer vegetables) की खेती नहीं करता है और जो किसान यह काम करता है उसको बहुत लाभ मिलता है।

नमस्कार स्वागत है आपका nflspice.com के इस नए खेती संबंधित आर्टिकल में आज हम जानेंगे गर्मी के मौसम में उगाई जाने वाली प्रमुख सब्जियों के बारे में संपूर्ण जानकारी Summer Vegetables in india Hindi,  list of summer vegetables in India, top summer vegetables, summer vegetables in india etc.

गर्मीयों के मौसम में उगाई जाने वाली प्रमुख सब्जियां list of summer vegetables in India

निम्न दी गई list of summer vegetables in India के माध्यम से आपको जानकारी मिलेगी कि आखिर गर्मियों के मौसम में कौन सी सब्जियां उगाना सही रहता है।

1). टमाटर (Tomato)

टमाटर गर्मियों में उगाई जाने वाली प्रमुख सब्जी (summer vegetables) है, क्योंकि इसकी डिमांड गर्मियों में बहुत ज्यादा रहती है। क्योंकि इस सीजन में बहुत सारी शादियां होती है, जिनमें टमाटर को सलाद के रूप में खाया जाता है। इसके अलावा गर्मियों के मौसम में इसका सलाद , सोस, सूप आदि बनाया जाता है। और इसके अलावा टमाटर में विटामिन सी (vitamin C), कैरोटीन (carotene) और अन्य पोषक तत्वों की पर्या‌प्त मात्रा पाई जाती है।

पौधों के बीच दूरी :-

गर्मियों के मौसम में बोई जाने वाली इस फसल (summer vegetables) के पौधों की बीच की दूरी लगभग 45 से 60 सेंटीमीटर तक होनी चाहिए।

इससे पौधे की जड़ों तक पर्याप्त पोषक तत्व, हवा, पानी, पहुंचता है। जिससे पौधों की उपज क्षमता में वृद्धि होती है और अधिक फल प्राप्त होते हैं।

गहराई :-

टमाटर की बुवाई करते समय पौधे को 20 सेंटीमीटर की गहराई तक दबाएं। इसकी जड़ों की गहराई 20 सेंटीमीटर न्यूनतम होनी चाहिए।

अंकुरण का समय  (germination time) :-

टमाटर के अलग से पौधे तैयार करने के लिए इसके बीज को छोटे-छोटे धोरों में लगाया जाता है। जिसके बाद उचित देखभाल के बाद यह लगभग 7 से 14 दिनों के अंदर अंकुरित हो जाते हैं।

कटाई/तुड़ाई (Harvesting) :-

टमाटर के पौधों की बुवाई के बाद इसमें लगभग 60 से 80 दिनों के उपरांत फल लगना शुरू हो जाते हैं।

टमाटर की फसल के लिए आवश्यक रसायन :-

1). नाइट्रोजन (Nitrogen): नाइट्रोजन, टमाटर के पौधों के विकास के लिए अहम भूमिका निभाती है।

2). फॉस्फेट (Phosphorus): फॉस्फेट, टमाटर के पौधों की जड़ों को मजबूत करता है और पौधे के हरे रंग को बनाए रखता है।

 

3). पोटेशियम (Potassium): पोटेशियम की मदद से टमाटर के फलों की गुणवत्ता में सुधार आता है।

2). मिर्च (chili)

मिर्च की खेती भी गर्मियों के सीजन (summer vegetables in India) में बहुत बड़े पैमाने पर की जाती है, क्योंकि मिर्च की डिमांड हमेशा रहती है। मिर्च को सुखाकर इसके मसाले बनाने में भी इसका उपयोग किया जाता है इसका मतलब आपको मिर्च से दोहरा लाभ प्राप्त हो सकता है

पौधों के बीच दूरी :-

मिर्च के पौधों की बुवाई के समय पौधे के बीच की दूरी 30 से 45 सेंटीमीटर तक रखें, इससे पौधे का विकास अच्छी तरह से होता है और अधिक उपज प्राप्त होती हैं।

गहराई :-

मिर्च के पौधों की गहराई उचित होनी चाहिए, इसलिए बुवाई के समय ध्यान रखें कि पौधों के जड़ों की गहराई न्यूनतम 20 सेंटीमीटर हो।

अंकुरण का समय  (germination time) :-

मिर्च के पौधों की बुवाई करने के बाद लगभग 10 से 14 दिनों के उपरांत पौधे अंकुरित होना शुरू हो जाते हैं।

कटाई (Harvesting) :-

लगभग 60 से 90 दिनों के उपरांत मिर्च तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है, इसके बाद आप इसे उचित दाम पर बाजार में बेच सकते हो।

मिर्च की फसल के लिए आवश्यक रसायन

1). पेस्टिसाइड्स और इंसेक्टिसाइड्स (Pesticides and Insecticides)

2). माइक्रोन्यूट्रिएंट्स (Micronutrients)

3). पोटासियम (Potassium)

4). कैल्शियम (Calcium)

5). नाइट्रोजन (Nitrogen)

3). बैंगन (Brinjal)

बैंगन की सब्जी की भी गर्मियों में बहुत ज्यादा डिमांड होती है। यह summer vegetables in india in hindi की प्रमुख सब्जियों में से एक है। इसका उपयोग करी, स्टरी, और भरवां बनाने में किया जाता है इसलिए इसकी गर्मियों में अधिक डिमांड रहती है।

पौधों के बीच दूरी :-

बुवाई के समय बैंगन के पौधों की दूरी 45 से 60 सेंटीमीटर रखें, जिससे पौधों को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व मिल सके और पौधे अच्छे से बड़े हो सके।

गहराई :-

पौधों की जड़ों की गहराई लगभग 20 सेंटीमीटर होनी चाहिए।

अंकुरण का समय  (germination time) :-

बैंगन के पौधे बुवाई के 10 से 15 दिनों के उपरांत अंकुरित होना शुरू हो जाते हैं। इस दौरान इन्हें पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व एवं जल प्रदान करें।

कटाई (Harvesting) :-

बैंगन की कटाई आमतौर पर बैंगन संपूर्ण रूप से पकाने के बाद होती है सामान्यतः जो बैंगन प्रमुख किस्में (Brinjal Major Varieties) होती है, वह लगभग 60-80 दिनों के अंदर पक्कर तैयार हो जाती है।

आवश्यक रसायन (essential chemicals):-

बैंगन की अच्छी उपज और अधिक पैदावार के लिए ज्यादातर किसान नाइट्रोजन, फॉस्फेट, पोटासियम, और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स आदि रसायनों का उपयोग करते हैं।

बैंगन की फसल में होने वाले प्रमुख रोग एवं उपचार :-

गर्मी के मौसम में की जाने वाली बैंगन की खेती में ज्यादातर फंगल संक्रमणों होते रहते हैं और इसके उपचार के लिए आपको फसल में फव्वारे की आवश्यकता होती है। कई कृषि विशेषज्ञों के अनुसार स्थानीय फंगिसाइड्स, पेस्टिसाइड का उपयोग करके भी इससे निजात पा सकते हैं।

गर्मियों में बोई जाने वाली बैंगन की प्रमुख किस्में :-

यदि आप गर्मी के सीजन में बैंगन की खेती करते हो तो इसके लिए प्रमुख किस्मे निम्न है।

1). भरता (Bharata)

2). पुर्पल किंग (Purple King)

3). थाईज़ (Thai)

4). फ्लैश (Flash)

4). तोरई (Ridge gourd)

तोरई की भी गर्मियों में बहुत ज्यादा डिमांड रहती है। इसे स्टफ्ड, करी, या चटनी के रूप में प्रयोग किया जाता है।

पौधों के बीच दूरी :-

आमतौर पर इसके पौधों के बीच की दूरी 45 से 60 सेंटीमीटर तक होती है।

गहराई :-

गर्मी के मौसम में बोई जाने वाले अधिकतर फसलों की गहराई और पौधों के रूप में बोई जाने वाली फसलों की गहराई लगभग 20 सेंटीमीटर ही होती है।

अंकुरण का समय  (germination time) :-

यह फसल 5 से 7 दिनों में अंकुरित हो जाती है उसके बाद आपको इसे पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व और जल प्रदान करना है। जिससे इसके पौधे उचित समय में बड़े हो सके।

कटाई (Harvesting) :-

इसके फलों की तुड़ाई या कटाई लगभग 60-80 दिनों के उपरांत होती है।

गर्मियों में बोई जाने वाली तोरई (Ridge gourd) की प्रमुख किस्में :-

1). ग्रीन लॉन (Green Long)

2). अरकेट (Arka)

3). ग्रीन डायमंड (Green Diamond)

4). पर्पल लॉन (Purple Long)

आवश्यक रसायन :-

तोरई (Ridge gourd) की फसल के लिए नाइट्रोजन, फॉस्फेट, पोटासियम, और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स जैसे आवश्यक रसायनों का प्रयोग किया जाता है। जिससे फसल की अच्छे से वृद्धि होती है।

तोरई की फसल में गर्मी के मौसम में होने वाले रोग और उनके उपचार :-

तोरई (Ridge gourd) को फसल के रोगों से बचाने के लिए फंगिसाइड्स और पेस्टिसाइड्स का उपयोग किया जा सकता है।

5). कद्दू (Pumpkin)

कद्दू की खेती भी गर्मियों में बहुत की जाती है, कद्दू की डिमांड summer vegetables के रूप मे  अक्सर शादियों में बहुत ज्यादा रहती है। इसके अलावा इसका प्रयोग हलवा , सूप आदि बनाने में किया जाता है।

पौधों के बीच दूरी :-

आमतौर पर कद्दू की फसल की बुवाई बीजों के रूप में की जाती है और इसकी लंबी-लंबी बैले होती है। तो इसलिए आपको लगभग 5 से 6 सेंटीमीटर की दूरी पर प्रत्येक बीज की बुवाई करनी चाहिए।

गहराई :-

प्रत्येक बीज की गहराई लगभग 1 से 2 सेंटीमीटर रखें।

अंकुरण का समय  (germination time) :-

बीज की बुवाई के बाद लगभग 7 से 14 दिनों के उपरांत इसके पौधे अंकुरित हो जाते हैं। यह मौसम और मिट्टी पर निर्भर करता है। साथ ही आपके द्वारा की गई देखभाल पर भी।

कटाई (Harvesting) :-

लगभग 80 से 120 दिनों के अंदर इसकी बेलें बड़ी हो जाती है और फल तैयार हो जाते हैं। जिसके बाद आप इनकी तुड़ाई करके आसानी से बाजार में बेच सकते हो, इसके प्रत्येक फल का वजन लगभग 1 किलो से 5 किलो तक होता है।

अन्य जानकारी :-

और एक एकड़ में मिट्टी और मौसम की भिन्नता के अनुसार लगभग 15 से 20 टन कद्दू का उत्पादन किया जा सकता है।

इसकी अच्छी उपज और अधिक फल प्राप्ति के लिए आपको नाइट्रोजन, फॉस्फेट, पोटासियम, और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स जैसे रसायनों का उपयोग करना चाहिए।

फसल में गर्मी के मौसम में होने वाले रोगो से छुटकारा पाने के लिए आप फंगिसाइड्स और पेस्टिसाइड्स का उपयोग कर सकते हैं।

6). खीरा (Cucumber)

खीरा गर्मी में उगाई जाने वाली एक प्रमुख और प्रसिद्ध सब्जी (top summer vegetables in india) है, इसका उपयोग सलाद के रूप में और सब्जियों के साथ किया जाता है। इसकी शादीयों में बहुत ज्यादा डिमांड रहती है।

पौधों के बीच दूरी :-

आमतौर पर इसके पौधे की बेलें लंबी होती है इसलिए पौधों से पौधों की बीच की दूरी 30 से 45 सेंटीमीटर तक होनी चाहिए।

बीज बुवाई के बाद सिंचाई कर सकते हो।

गहराई :-

प्रत्येक बीज की गहराई लगभग 20 सेंटीमीटर तक होनी चाहिए

अंकुरण का समय  (germination time) :-

पहली सिंचाई के बाद पौधे लगभग 4 से 7 दिनों के अंदर अंकुरित होना शुरू हो जाते हैं।

कटाई (Harvesting) :-

यह बहुत जल्द पक्कर तैयार हो जाती है, लगभग 45 से 60 दिनों के अंदर आप इसकी पहली तुड़ाई कर सकते हैं।

गर्मी में बोई जाने वाली प्रमुख किस्में :-

गर्मी के सीजन में अधिक उपज प्राप्त करने के लिए अरका समृद्धि, अरका अनंत, अरका मेहा, पूजा, और स्पूजा आदि इसकी प्रमुख किस्में है, जो गर्मी के सीजन में अधिक बोई जाती है।

प्रति एकड़ उपज एवं लाभ :-

इसकी उपज कई कारकों पर निर्भर करती है, परंतु औसतन एक एकड़ से 12 से 18 टन खीरा (Cucumber) प्राप्त होता हैं। यह मात्र इससे ज्यादा भी हो सकती है यह सब आपकी मेहनत, मौसम और मृदा पर निर्भर है।

7).लौकी (Bottle gourd)

वैसे तो लौकी की खेती किसी भी महीने में की जा सकती है और ज्यादातर किसान इसकी खेती सर्दियों में भी करते हैं‌। परंतु इसे गर्मियों में उगाई जाने वाली प्रमुख फसल के रूप में भी जाना जाता है।

गर्मी के मौसम में इसकी उचित समय पर सिंचाई करना आवश्यक है, इसके अलावा इसमें बहुत कम झंझट होती है और इसकी खेती आसानी से की जा सकती है।

पौधों के बीच दूरी :-

बुवाई के समय पौधों के बीच की दूरी 1.5 से 2 मीटर तक रखें क्योंकि इसकी बेलें लंबी होती है।

गहराई :-

बीज की गहराई 25 सेंटीमीटर न्यूनतम होनी चाहिए।

अंकुरण का समय  (germination time) :-

लगभग एक सप्ताह में इसके पौधे अंकुरित हो जाते हैं, जिसके बाद आपको उचित देखभाल की आवश्यकता होती है। गर्मी के मौसम में आपको उचित मात्रा में इसकी सिंचाई करनी पड़ेगी परंतु सर्दी में अधिक ध्यान रखना पड़ता है।

कटाई (Harvesting) :-

लौकी (Bottle gourd) की तुड़ाई आप 60 से 80 दिनों के उपरांत कर सकते हैं, क्योंकि इसके बाद लौकी proper shape में आ जाती है, अधिक देरी पर लौकी का साइज बड़ा हो सकता है, जो कि किसी काम की नहीं होगी।

गर्मी में बोई जाने वाली प्रमुख किस्में :-

गर्मी में बोई जाने वाली लौकी (summer vegetables) के लिए अरका बहार, अरका चेतना, आदि प्रकार की किस्में उचित है।

प्रति एकड़ उपज एवं लाभ :-

लगभग 12 से 18 टन तक आप एक एकड़ से लोकी प्राप्त कर सकते हो, मात्रा इससे अधिक हो सकती है। बाकी सब मौसम और मृदा पर निर्भर है और आपके द्वारा की गई देखभाल उचित समय पर दिए गए रसायन पर भी निर्भर करती है।

आवश्यक रसायन :-

1) Nitrogen (नाइट्रोजन)

2) Phosphorus (फॉस्फेट)

3) Potassium (पोटासियम)

4) Zinc (जिंक)

5) Magnesium (मैग्नीजियम)

8).भिन्डी (Lady finger)

summer vegetables in india के रूप में उगाई जाने वाली भिंडी की फसल का उपयोग कारी, फ्राई, और रोस्ट आदि बनाने में किया जाता है।

पौधों के बीच दूरी :- 30-45 सेंटीमीटर

गहराई :- 20-25 सेंटीमीटर

अंकुरण का समय  (germination time) :- 4-7 दिन

कटाई (Harvesting) :- 45-60 दिन

गर्मी में बोई जाने वाली प्रमुख किस्में :- पर्पल, ग्रीन, और गोल्डेन

9). अमरंथ (Amaranth)

यह गर्मी के मौसम में बुवाई के लिए सर्वोत्तम फसल है इसके पौधों के बीच की दूरी 15-20 सेंटीमीटर तक, गहराई लगभग 20-25 सेंटीमीटर , अंकुरण का समय लगभग 5-7 दिन यदि उचित देखभाल हो तो, कटाई के लिए सम्पूर्ण रूप से तैयार लगभग 60-90 दिन के अन्दर और इसकी गर्मी में बोई जाने वाली प्रमुख किस्में आदिवासी, सीएओ 15, और वीरजा 55 आदि है।

10). पालक (spinach)

पालक (spinach) गर्मी और सर्दी में बोई जाने वाली प्रमुख फसलों में से एक है। इसकी खेती करना आसान है और इससे आपको अधिक लाभ प्राप्त होता है।

11). तरबूज (Watermelon)

गर्मियों मे सबसे ज्यादा बिकने वाली सब्जी या फल अगर कोई है तो वह तरबूज (Watermelon) है । जिसका सेवन लोग गर्मियों मे सबसे ज्यादा करते है। इसे उचित सिचाई व्यवस्था वाले क्षेत्रों मे उगाया जाता है।

गर्मी में उगाई जाने वाली अन्य सब्जियां

इन सबके अलावा कई और भी फसल है जिनकी खेती आप गर्मी में कर सकते हैं और अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं जैसे की ककड़ी (Cucumber), पुदीना (Mint), करी पत्ता (Curry leaves),  टिंडा (Indian Round Gourd), तोरी (Ridge Gourd), ग्वार (Cluster Beans), सेम (Broad Beans),हरी मिर्च (Green Pepper), करेला (Bitter Gourd), पत्ता गोभी (Cabbage) आदि।

गर्मी के मौसम में उगाई जाने वाली सब्जियों की भारत मे भूमिका summer vegetables in india

गर्मियों मे उगाई जाने वाली सब्जियां  हमारे लिए बहुत ज्यादा मायने रखती है । यह हमारे शारीरिक संतुलन को बनाए रखने में मदद करती हैं। इसके अलावा यह सब्जियां ताजगी और पोषण से भरपूर होती है। इसलिए इनकी डिमांड गर्मियों मे बहुत ज्यादा होती है। इनको भारत के कई  इलाकों मे उगाई जाती है ।

इसके अलावा भारत के उतरी भाग मे  पंजाब, हरियाणा, और उत्तर प्रदेश मे सबसे ज्यादा गर्मी की सब्जियों क रूप मे टमाटर, ककड़ी, करेला, और अन्य सब्जियां उगाई जाती हैं।

इसके अलावा अगर पश्चिमी भाग की बात करे तो महाराष्ट्र मे सबसे ज्यादा ककड़ी, टमाटर, तोरी, पुदीना, और अन्य सब्जियां उगाई जाती हैं।

इसके अलावा साउथ मे कर्नाटक और पश्चिमी भाग में गुजरात मे सबसे ज्यादा गर्मी के सीजन की सब्जियां उगाई जाती है।

Conclusion

हमारे लेख को पूरा पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद ऐसी ही कृषि संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए आप nflspice.com पर आते रहिए और महत्वपूर्ण जानकारियां पढ़ते रहिए, इसके अलावा हमारे न्यूनतम आर्टिकल और न्यूज़ के बारे में तुरंत जानकारी प्राप्त करने के लिए हमें सब्सक्राइब करें।

Kunal Bibhuti

My name is Kunal Bibhuti, and I am the founder and writer of CASINDIA. Here, on this website, I write articles on government schemes, postal services, and bank schemes for all of you. I have been in the field of blogging for 8 years, and in these eight years, I have closely observed government schemes. Now, I share my experiences and knowledge with all of you. You can contact me via email.

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