सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) एक बेहतरीन निवेश का तरीका है जिससे आप नियमित रूप से म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं। इसमें आप हर महीने एक निश्चित राशि निवेश करते हैं जैसे कि ₹1200 या फिर कोई भी अमाउंट और समय के साथ ये राशि एक बहुत बड़ा फंड बना सकती है।
आपको बता दें की पिछले कुछ सालों का अगर रिकॉर्ड देखा जाए तो एसआईपी में 12 फीसदी का रिटर्न आसानी के साथ में मिल जाता है। अगर आप 12 फीसदी रिटर्न के हिसाब से भी एक लम्बी समय अवधी के निवेश का प्लान कर रहे है तो आपको काफी मोटा पैसा आपके आने वाले भविष्य में मिल सकता है।
इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि कैसे ₹1200 प्रति माह का निवेश आपको ₹2.78 लाख तक का लाभ दे सकता है। इसके साथ ही हम SIP क्या है, इसके फायदे तथा जोखिम और निवेश के नियमों की पूरी जानकारी आपको इस आर्टिकल में मिलने वाली है। आर्टिकल को आखिर तक जरूर पढ़ें ताकि अच्छे से आपको सब कुछ समझ में आ सके।
सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) क्या है?
SIP का मतलब है सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान। यह म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने का एक बहुत ही शानदार तरीका है जिसमें आप हर महीने एक निश्चित राशि का निवेश करते हैं। एक बार में पूरी राशि निवेश करने के बजाय ये स्कीम आपको आपको छोटी-छोटी रकम लगातार निवेश करने का मौका आपको इसमें मिल जाता है और ये सभी लोगों के लिए निवेश को लेकर काफी आसान तरीका भी है।
आप एसआईपी में जो एक निश्चित अमाउंट को निवेश करते है वो राशि आपके ही द्वारा चुके हुए कुछ म्यूचुअल फंड में निवेश कर दी जाती है। जैसे जैसे समय बीतता है तो आपके द्वारा निवेश की गई राशि कम्पाउंडिंग का लाभ और साथ में बाजार में होने वाली बढ़ौतरी के चलते एक दिन एक बहुत बड़ा अमाउंट बन जाती है और इसके चलते आपको काफी तगड़ा रिटर्न का लाभ मिलता है।
एसआईपी कैसे काम करता है?
SIP नियमित निवेश और कंपाउंडिंग के सिद्धांत पर काम करता है। हर महीने आपके द्वारा निवेश की गई राशि से म्यूचुअल फंड के यूनिट्स खरीदे जाते हैं। इन यूनिट्स की संख्या म्यूचुअल फंड के उस दिन के नेट एसेट वैल्यू (NAV) पर निर्भर करती है। समय के साथ जैसे-जैसे बाजार बढ़ता है और फंड की वैल्यू बढ़ती है आपका निवेश भी बढ़ता है।
SIP की मुख्य विशेषताएं
- निवेश की राशि आटोमेटिक आपके बैंक खाते से कट जाती है जिससे आपके निवेश की प्रक्रिया काफी आसान हो जाती है।
- SIP नियमित निवेश को बढ़ावा देता है जिससे आप बाजार की टाइमिंग से बचते हैं।
- निवेश से प्राप्त रिटर्न को फिर से निवेश किया जाता है जिससे समय के साथ निवेश का तेजी से बढ़ना तय है और इसको कम्पाउंडिंग कहा जाता है।
- जब बाजार कम होता है तो आप अधिक यूनिट्स खरीदते हैं और जब बाजार अधिक होता है तो कम यूनिट्स जिससे औसत निवेश लागत घटती है।
एसआईपी में कैसे निवेश करें?
SIP में निवेश करना बहुत आसान है और इसे ऑनलाइन या फाइनेंशियल एडवाइजर के जरिए किया जा सकता है। चलिए जानते है की कैसे आप इस स्कीम में निवेश कर सकते है।
- सबसे पहले अलग-अलग म्यूचुअल फंड्स का रिसर्च करें।
- इसके बाद में अपनी वित्तीय जरूरतों, जोखिम और निवेश अवधि के अनुसार एक सही फंड चुनें।
- आप कितनी राशि नियमित रूप से निवेश करना चाहते हैं यह तय करें। इस आर्टिकल में हम 1200 रूपए निवेश की गणना करने वाले है।
- अधिकांश लोग महीने में एक बार SIP निवेश करना पसंद करते हैं लेकिन आप साप्ताहिक या त्रैमासिक निवेश भी कर सकते हैं।
- ऑटो-डेबिट को सेट करें ताकि हर महीने निर्धारित तारीख पर आपके बैंक खाते से अपने आप पैसे निवेश हो सके।
- अपने निवेश को ट्रैक करें और अपने पोर्टफोलियो के प्रदर्शन को ट्रैक करने के लिए ऑनलाइन टूल्स या ऐप्स का उपयोग करें।
एसआईपी निवेश के नियम क्या क्या है?
सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) में निवेश करने के भी कुछ नियम बनाये गए है और इन नियमों के हिसाब से ही आप इसमें निवेश कर सकते है। यहां देखिये की कौन कौन से नियम इसमें निवेश के लिए लागु किये गए है।
- अधिकांश म्यूचुअल फंड्स में न्यूनतम SIP राशि ₹500 प्रति माह से शुरू होती है।
- आप कितने समय तक निवेश करना चाहते हैं इसका चुनाव कर सकते हैं जो कुछ महीनों से लेकर कई वर्षों तक हो सकता है।
- कुछ म्यूचुअल फंड्स एक निश्चित समय से पहले निवेश निकालने पर शुल्क लेते हैं।
- इक्विटी फंड्स में SIP को एक वर्ष से अधिक समय तक रखने पर 10% का लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है लेकिन पहले ₹1 लाख के लाभ पर कोई टैक्स नहीं लगता।
सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) में निवेश के फायदे
SIP नियमित बचत और निवेश की आदत डालता है जिससे आप लंबी अवधि के निवेश से अपनी आर्थिक जरूरतों के लिए मोटा फंड आसानी से हासिल कर सकते हैं। आपको एसआईपी में निवेश शुरू करने के लिए बड़ी राशि की आवश्यकता नहीं होती। यहां तक कि ₹1200 प्रति माह का छोटा निवेश भी समय के साथ बढ़ सकता है।
इस स्कीम में निवेश के बाद में आपको कम्पाउंडिंग का लाभ मिलता है। कमाई का रिटर्न फिर से निवेश किया जाता है जिससे समय के साथ निवेश में तेजी से वृद्धि होती है। आप SIP को आसानी से शुरू, रोक, या बंद कर सकते हैं। SIP को घर खरीदने, शिक्षा के लिए बचत करने, या रिटायरमेंट के लिए एक अच्छा कॉर्पस बनाने जैसे लम्बी समय अवधी के अपने वित्तीय लक्ष्यों के साथ जोड़ा जा सकता है।
सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) में निवेश के नुकसान
SIP म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने के फायदे है तो दूसरी और कुछ नुकसान भी है। आप जो पैसा एसआईपी में निवेश करते है उस पैसे को SIP म्यूचुअल फंड्स में निवेश करता है जो बाजार से जुड़े होते हैं और बाजार में गिरावट आने पर पैसे खोने का जोखिम होता है। फिक्स्ड डिपॉजिट्स के विपरीत SIP के रिटर्न बाजार से जुड़े होते हैं और उतार-चढ़ाव का सीधा सीधा असर होता है। म्यूचुअल फंड मुद्रास्फीति को पीछे छड़ने में कामयाब नहीं हो सकता इसलिए आपको जो भी रिटर्न मिलने वाला है उसमे कुछ इधर उधर काफी अंतर देखने को मिल सकता है।
₹1200 प्रति महीने का निवेश ₹2.78 लाख कैसे बना सकता है?
मान लीजिए आप ₹1200 प्रति माह म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं और आपको मिलने वाला रिटर्न 12 फीसदी के पास होने वाला है तो आपको मिलने वाले रिटर्न की गणना कुछ इस प्रकार से होने वाली है।
- निवेश अवधि: 10 वर्ष
- कुल निवेश: ₹1,44,000
- अनुमानित रिटर्न: ₹1,34,000
- कुल राशि: ₹2,78,000
आपको बता दें की कम्पाउंडिंग एक जादू की तरह काम करती है और आप जो हर महीने 1200 रूपए का निवेश करने वाले हैं वो केवल 10 साल में ही आपको काफी बड़ी रकम प्रदान करता है। इसके अलावा अगर इस हर महीने निवेश को आप 20 साल के लिए करते है तो आपको ₹11,98,978 का रिटर्न मिलता है। इसमें चौंकने वाली कोई बाद नहीं है क्योंकि म्यूच्यूअल फंड में कम्पाउंडिंग का लाभ मिलता है जिसके चलते ये सब संभव होता है।