Petrol Diesel New Rate: पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिल सकती है, जिससे वाहन चालकों और आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 5 अक्टूबर 2024 के बाद से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती होने की संभावना जताई जा रही है। यह खबर उन लाखों लोगों के लिए राहत भरी हो सकती है, जो लंबे समय से ईंधन की कीमतों में कमी का इंतजार कर रहे थे।
कीमतों में कमी के पीछे मुख्य कारण
इस संभावित कटौती के पीछे कई बड़े कारण सामने आए हैं:
- अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट: वैश्विक बाजार में तेल की कीमतों में लगातार गिरावट देखी जा रही है, जिससे घरेलू बाजार में भी इसके असर की संभावना है।
- तेल कंपनियों के मुनाफे में इजाफा: तेल कंपनियों ने पिछले कुछ महीनों में अच्छा मुनाफा कमाया है, जिससे सरकार पर कीमतों में कटौती करने का दबाव बढ़ा है।
- चुनावी समीकरण: आगामी चुनावों को देखते हुए, सरकार जनता को राहत देने के लिए ईंधन की कीमतों में कटौती कर सकती है।
कितनी हो सकती है पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती?
रिपोर्ट के अनुसार, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 2-3 रुपये प्रति लीटर तक की कमी की जा सकती है। यह कटौती 5 अक्टूबर 2024 के बाद से लागू हो सकती है। हालांकि, यह देखना होगा कि यह कटौती कितनी बड़ी होगी और इसे किस तरह लागू किया जाएगा।
वर्तमान पेट्रोल और डीजल की कीमतें
अभी देश के प्रमुख शहरों में पेट्रोल और डीजल की मौजूदा कीमतें इस प्रकार हैं:
- दिल्ली: पेट्रोल ₹94.72/लीटर, डीजल ₹87.62/लीटर
- मुंबई: पेट्रोल ₹103.44/लीटर, डीजल ₹89.97/लीटर
- कोलकाता: पेट्रोल ₹104.95/लीटर, डीजल ₹91.76/लीटर
- चेन्नई: पेट्रोल ₹100.75/लीटर, डीजल ₹92.34/लीटर
कीमतों में गिरावट से होने वाले लाभ
अगर कीमतों में कटौती होती है, तो इससे कई स्तर पर लाभ हो सकता है:
- आम जनता को राहत: ईंधन की कीमतों में कमी से सबसे ज्यादा फायदा उन लोगों को होगा, जो रोजाना पेट्रोल-डीजल पर खर्च करते हैं।
- वाहन चलाने का खर्च होगा कम: पेट्रोल-डीजल सस्ते होने से वाहन चालकों का खर्च घटेगा और उनका बजट संतुलित रहेगा।
- माल ढुलाई सस्ती होगी: ईंधन की कीमतों में कमी से माल ढुलाई का खर्च भी घटेगा, जिससे रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतों में भी गिरावट हो सकती है।
- महंगाई पर नियंत्रण: पेट्रोल-डीजल की कीमतों में गिरावट से महंगाई पर कुछ हद तक नियंत्रण पाया जा सकता है, जिससे अर्थव्यवस्था को भी राहत मिलेगी।
सरकार की भूमिका
सरकार पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी लगाती है, जिसका सीधा असर इनकी कीमतों पर पड़ता है। CLSA की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार कीमतों में कटौती के साथ-साथ एक्साइज ड्यूटी में भी कुछ हेरफेर कर सकती है। वर्तमान में पेट्रोल पर ₹19.8 प्रति लीटर और डीजल पर ₹15.8 प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी लगाई जाती है।
तेल कंपनियों पर पड़ेगा असर
सरकारी तेल कंपनियों जैसे IOC, BPCL, और HPCL पर कीमतों में कटौती का सीधा असर पड़ेगा। मुनाफे में कमी आ सकती है, लेकिन अगर सरकार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाती है, तो इन कंपनियों को कुछ हद तक राहत मिल सकती है।
चुनावी समीकरण और संभावित कटौती
महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में आने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र सरकार कीमतों में कटौती कर सकती है। यह फैसला चुनावी माहौल को देखते हुए वोटरों को लुभाने के लिए भी किया जा सकता है।
निष्कर्ष
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में संभावित कटौती आम लोगों के लिए बड़ी राहत साबित हो सकती है। इससे न केवल वाहन चालकों को फायदा होगा, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। अब यह देखना होगा कि सरकार कब और कितनी कीमतों में कमी करती है और इसका प्रभाव क्या होता है।