SIP में निवेश का कमाल, 10 साल में आपको मिल जायेंगे ₹58,08,477 केवल इतने रूपए निवेश करने पर
Systematic Investment Plan (SIP) में निवेश करने के बाद में अब काफी तगड़ा रिटर्न मिल जाता है। अगर पिछले कुछ सालों का SIP के रिटर्न का इतिहास देखा जाए तो इसमें ग्राहकों को लगभग 12 फीसदी का मिनिमम रिटर्न आसानी के साथ में प्राप्त हुआ है। इसलिए अगर आज आप पैसा निवेश करते है तो आने वाले समय में आपको काफी बड़ा अमाउंट आसानी के साथ में मिल जाता है। एसआईपी में निवेश करना वैसे तो बाजार के जोखिमों के अधिक होता है लेकिन शेयर बाजार में सीधे तौर पर निवेश की बजाय SIP में रिस्क थोड़ा कम होता है। आप लम्बी समय अवधी का चुनाव करके आसानी के साथ में एक दिन मोटा पैसा कमाई कर सकते है। देखिये SIP में निवेश करने के बाद में कैसे आपको ₹58,08,477 का रिटर्न मिलने वाला है। आर्टिकल को आखिर तक जरूर पढ़ें ताकि आपको आसानी के साथ में सब जानकारी अच्छे से समझ में आ सके।
SIP में निवेश कैसे करते हैं?
SIP में निवेश करने की प्रक्रिया सरल और पूरी तरह से ऑनलाइन या ऑफलाइन की जा सकती है। देखिये यहां SIP में निवेश करने के कुछ आसान से स्टेप्स हमने दिए हैं जिनके जरिए आप एसआईपी में निवेश कर सकते है। सबसे पहले आप SIP में खाता खोलने के लिए एक म्यूचुअल फंड कंपनी चुनें। आप म्यूचुअल फंड की किसी भी कंपनी (जैसे HDFC, SBI, ICICI, Axis, आदि) का चयन कर सकते हैं जो SIP की सुविधा प्रदान करती है। इसके अलावा आप ब्रोकर या ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म जैसे Groww, Zerodha, Paytm Money, या Kuvera के माध्यम से भी SIP में निवेश कर सकते हैं। इसके बाद में अपना KYC (Know Your Customer) की प्रक्रिया को पूरी करें। निवेश से पहले आपको KYC प्रक्रिया पूरी करनी होगी। इसके लिए आपको अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड, और बैंक डिटेल्स जमा करनी होती हैं। आप यह KYC प्रक्रिया ऑनलाइन या फिजिकल फॉर्म के जरिए कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड और SIP प्लान का चयन करना होगा। म्यूचुअल फंड योजना का चयन करने के लिए आपके निवेश उद्देश्यों जोखिम उठाने की क्षमता और अवधि पर विचार करना आवश्यक है। इक्विटी, डेट, या हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स में से कोई एक चुना जा सकता है जो आपकी निवेश प्लान के अनुसार हो। आप एक निश्चित राशि (जैसे ₹500, ₹1000 या इससे अधिक) चुन सकते हैं जिसे आप हर महीने निवेश करेंगे। समय सीमा भी चुनें कि कितने वर्षों तक SIP में निवेश करना चाहते हैं। इसके अलावा आपको ऑटो-डेबिट सुविधा को भी सेट करना होगा। आप अपने बैंक खाते से ऑटो-डेबिट की सुविधा सेट कर सकते हैं जिससे हर महीने तय तारीख को SIP की राशि अपने आप खाते से कट जाएगी।SIP में निवेश करने पर कितना जोखिम रहता है?
SIP में निवेश पर जोखिम उस म्यूचुअल फंड की प्रकृति पर निर्भर करता है जिसमें आप निवेश कर रहे हैं। म्यूचुअल फंड्स में तीन प्रमुख प्रकार होते हैं जिनमे इक्विटी म्यूचुअल फंड्स, डेट म्यूचुअल फंड्स और हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स शामिल है। देखिये इन तीनों की पूरी डिटेल यहां हमने दी है। इक्विटी म्यूचुअल फंड्स : इनमें सबसे ज्यादा जोखिम होता है क्योंकि यह फंड शेयर बाजार में निवेश करता है। इक्विटी बाजार के उतार-चढ़ाव के कारण निवेश का मूल्य घट-बढ़ सकता है। हालांकि, लंबी अवधि में इक्विटी SIP निवेश से अच्छे रिटर्न मिलने की संभावना अधिक होती है। डेट म्यूचुअल फंड्स: इसमें अपेक्षाकृत कम जोखिम होता है क्योंकि डेट फंड्स बांड्स, सरकारी प्रतिभूतियों और अन्य फिक्स्ड-इनकम इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं। यह कम जोखिम उठाने वाले निवेशकों के लिए उपयुक्त हैं। हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स: हाइब्रिड फंड्स में इक्विटी और डेट दोनों का मिश्रण होता है इसलिए इनका जोखिम और रिटर्न दोनों मध्य स्तर के होते हैं। SIP में निवेश का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह मार्केट की अस्थिरता (volatility) से निपटने में मदद करता है। जब बाजार नीचे होता है तब आप अधिक यूनिट्स खरीद सकते हैं और जब बाजार ऊपर होता है तब आपकी निवेश की गई यूनिट्स का मूल्य बढ़ता है। इसे रुपया लागत औसत (Rupee Cost Averaging) कहते हैं जिससे आपके जोखिम का औसत निकल जाता है।SIP में निवेश के फायदे
SIP के फायदे तो बहुत है लेकिन नुकसान भी है। पहले देखिये एसआईपी में निवेश करने के आपको क्या क्या लाभ मिलने वाला है।- छोटी रकम से शुरुआत: SIP में आप ₹500 या ₹1000 जैसी छोटी राशि से निवेश शुरू कर सकते हैं, जिससे आपको बड़ी एकमुश्त राशि निवेश करने की आवश्यकता नहीं पड़ती।
- रुपया लागत औसत: SIP के माध्यम से, बाजार में उतार-चढ़ाव का प्रभाव कम हो जाता है। आप नियमित रूप से निवेश करते हैं, चाहे बाजार ऊपर हो या नीचे, जिससे आपकी औसत लागत कम होती है।
- लंबी अवधि में कंपाउंडिंग का लाभ: SIP में लंबी अवधि के लिए निवेश करने से आपको कंपाउंडिंग का लाभ मिलता है। आपकी कमाई पर भी ब्याज मिलता है, जिससे आपके निवेश का मूल्य कई गुना बढ़ सकता है।
- लचीलापन: आप SIP में कभी भी निवेश शुरू कर सकते हैं और जब चाहें इसे बंद कर सकते हैं। आप अपनी SIP राशि को बढ़ा या घटा भी सकते हैं।
- नियमित बचत की आदत: SIP में नियमित निवेश करने से बचत और निवेश की आदत बनती है, जिससे आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को पूरा कर सकते हैं।
- लंबी अवधि के रिटर्न: इक्विटी SIP में लंबे समय तक निवेश करने पर बेहतर रिटर्न की संभावना होती है। 10-15 साल के निवेश से आप अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
SIP में निवेश के नुकसान
जिस तरह से एसआईपी में निवेश करने के फायदे है तो इसके विपरीत इसमें निवेश करने के कई नुकसान भी है जिनको ध्यान में रखकर ही निवेश के कार्य को पूरा किया जाना चाहिए। देखिये इसमें निवेश के कौन कौन से नुकसान आपको हो सकते है।- लघु अवधि के जोखिम: यदि आप इक्विटी SIP में छोटी अवधि के लिए निवेश करते हैं, तो बाजार के उतार-चढ़ाव के कारण आपको नुकसान हो सकता है।
- फिक्स्ड रिटर्न की गारंटी नहीं: म्यूचुअल फंड्स बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करते हैं, इसलिए SIP में फिक्स्ड रिटर्न की गारंटी नहीं होती। इसमें निवेश का मूल्य घट-बढ़ सकता है।
- इक्विटी बाजार का जोखिम: इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने पर बाजार में गिरावट से नुकसान हो सकता है। हालांकि, लंबी अवधि में इस जोखिम को कम किया जा सकता है।
- रिटर्न निश्चित नहीं होता: SIP में निवेश करते समय यह निश्चित नहीं होता कि आपको कितना रिटर्न मिलेगा। बाजार की परिस्थितियों पर आधारित होने के कारण, भविष्य के रिटर्न को सटीक रूप से मापना मुश्किल हो सकता है।