नई दिल्ली: अब छोटे-मोटे अपराध करने वालों को भी डरना होगा। संगठित होकर या फिर अकेले ही अपराध करने वालों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनसी) में मकोका जैसा विशेष कानून बनाया गया है। अब ऐसे अपराधियों के खिलाफ बीएनसी की धारा 112 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।
दक्षिण-पूर्व जिले में पहला मामला
दक्षिण-पूर्व जिले की बदरपुर थाना पुलिस ने बीएनसी की धारा 112 के तहत पहला मामला दर्ज किया है। यह मामला तीन बदमाशों - कबीर उर्फ रत्नेश नाथ, अमित और अविनाश उर्फ गांधी - के खिलाफ दर्ज किया गया है। ये तीनों ग्राम मोलडबंद, सपेरा कॉलोनी बदरपुर के रहने वाले हैं।
आरोपियों पर क्या है
इन तीनों पर आरोप है कि ये मिलकर या फिर अकेले छोटे-मोटे अपराध करते थे। 2022 में इन्होंने बदरपुर में मिलकर दो वारदातें की थीं। इसके अलावा, इनके द्वारा अकेले भी कई अपराध किए गए हैं। इन अपराधों में छीना-झपटी, लूटपाट और झपटमारी शामिल हैं।
बीएनसी की धारा 112 क्या है?
बीएनसी की धारा 112 के तहत, कोई भी व्यक्ति जो किसी समूह या गिरोह का सदस्य होता है और अकेले या मिलकर चोरी, छीना-झपटी, धोखाधड़ी, टिकटों की अनधिकृत बिक्री, अवैध सट्टा या जुआ, सार्वजनिक परीक्षा के प्रश्नपत्रों की बिक्री या किसी अन्य समान अपराध करता है, उसे छोटा संगठित अपराधी माना जाएगा।
क्या होगा इन अपराधियों का?
दक्षिण-पूर्व जिले के पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इन तीनों आरोपियों के खिलाफ पुराने अपराधों का भी पता लगाया जा रहा है। बीएनसी की धारा 112 के तहत दर्ज मामलों की सुनवाई बीएनसी के तहत होगी और सजा भी बीएनसी के प्रावधानों के अनुसार ही दी जाएगी।
यह कानून क्यों महत्वपूर्ण है?
यह कानून उन छोटे अपराधियों के लिए एक बड़ी डर बनकर उभरेगा जो अक्सर पुलिस से बच निकलने में कामयाब हो जाते हैं। बीएनसी की धारा 112 ऐसे अपराधियों पर लगाम लगाने में मददगार होगी और उन्हें सख्त सजा दिलाने का काम करेगी।
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