जम्मू-कश्मीर: रियासी बस आतंकवाद मामले में बड़ी सफलता, आरोपी ने कबूला अपना गुनाह

Written by Priyanshi Rao

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जम्मू, 19 जून 2024: जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में हुए आतंकवादी हमले, जिसमें शिवखोड़ी से कटरा जा रहे श्रद्धालुओं की बस को निशाना बनाया गया था, उस मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने इस मामले में रियासी के ही रहने वाले हाकमदीन नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिसने अपना जुर्म कबूल कर लिया है।

शिवखोड़ी से कटरा जा रहे श्रद्धालुओं की बस पर होने वाले इस आतंकवादी हमले ने पुरे देश को हिलाकर रखा दिया है और इन आतंकवादियों की गिरफ्तारी बहुत जरुरी हो चुकी है। अब जब सुरक्षाबलों की तरफ से गिरफ़्तारी की गई है तो एक एक करके इस हमले के सभी पहलु सामने निकलकर आएंगे और इसके पीछे कौन मास्टरमाइंड है इसका भी पूरी तरह से खुलवासा होगा।

पुलिस ने क्या बताया

रियासी की एसएसपी मोहिता शर्मा ने बताया कि हाकमदीन ने कबूला है कि उसने आतंकवादियों को गाइड के रूप में मदद की और उन्हें अपने घर में पनाह दी। उसने यह भी स्वीकार किया कि वह हमले के समय मौजूद था और उसने गोलियों की आवाज भी सुनी थी।
हमले के बाद उसने आतंकवादियों को इलाके से भागने में मदद की।

हाकमदीन ने और क्या बताया

हाकमदीन ने बताया कि अलग-अलग मौकों पर तीन बार आतंकवादी उसके घर आए थे। घटना से एक दिन पहले आतंकवादी उसके घर रुके थे। हाकमदीन ने तीन आतंकवादियों का भी पूरा विवरण सुरक्षाबलों को दिया है और विवरण के आधार पर आगे की कार्यवाही की जा रही है। जल्द ही इसमें भी बड़ी सफलता मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

हाकमदीन ने आगे बताया की हमले से पहले उसने घटनास्थल की रेकी की और यह सुनिश्चित किया कि कोई भी सीसीटीवी उसे या आतंकवादियों को रिकॉर्ड नहीं कर सके। इस मदद के लिए आतंकवादियों ने उसे 6000 रुपये दिए थे।

क्या था रियासी बस आतंकवादी हमला

9 जून को नरेंद्र मोदी के दिल्ली में शपथ ग्रहण समारोह से पहले जम्मू-कश्मीर के रियासी में आतंकवादियों ने शिवखोड़ी से कटरा जा रहे श्रद्धालुओं की एक बस को निशाना बनाया था। आतंकियों ने बस को रोका और ड्राइवर एवं कंडेक्टर को श्रद्धालुओं को बाहर निकालने का आदेश दिया।

शक होने पर ड्राइवर ने बस आगे बढ़ा दी जिससे गुस्साए आतंकियों ने उन्हें गोली मार दी और बस को खाई में गिरा दिया। इस घटना में 9 लोगों की मौत हो गई और 30 से अधिक घायल हो गए।

हाकमदीन की गिरफ्तारी से क्या मिलेगा

हाकमदीन की गिरफ्तारी से इस आतंकवादी हमले की योजना बनाने और अंजाम देने में शामिल अन्य आरोपियों को पकड़ने में पुलिस को मदद मिल सकती है। यह गिरफ्तारी जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ चल रहे सुरक्षा अभियानों को भी मजबूती दे सकती है।

यह घटना जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित करने के भारत सरकार के प्रयासों के लिए एक बड़ा झटका है। हालांकि, हाकमदीन की गिरफ्तारी इस बात का संकेत है कि सुरक्षा बलों आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

जम्मू कश्मीर में इस साल हुए ये हमले

जम्मू कश्मीर में आतंकवाद अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है और हमारे सुरक्षाबल एक एक करके इनका खत्म करने में जुटे है। इस साल में कई आतंकवादी हमले अभी तक हो चुके है। ऐसी साल 12 जनवरी को पुंछ में सेना के वाहनों पर आतंकवादी हमला हुआ था जिसमे जवाबी गोलीबारी में आतंकी मारे गए थे।

इसके अलावा 4 अगस्त को भी कुलगाम में सेना के शिविर पर आतंकवादी हमला हुआ था और उस हमले में हमारी सेना के 3 जवान शहीद हो गए थे। 1 मई को हंदवाड़ा में सेना ने आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया था और उसमे भी कई आतंकवादियों को मारा गया था। इसके अलावा 14 फरवरी में भी एक आतंकवादी घटना को अंजाम दिया गया था जिसमे कोई भी हताहत नहीं हुआ था।

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