इस समय पूरे उत्तर भारत मे भयंकर गर्मी पड़ रही है और तेज गर्म हवाओं के चलते लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो चुका है। जब इंसान गर्मी से इतने परेशान है तो फिर पशुओं का क्या हाल हो रहा होगा इसका अंदाजा आप लगा सकते है। इंसान अपने लिये गर्मी से बचने के उपाय कर लेना है लेकिन पशुओं के लिये ये सब मुमकिन नही है। जब पारा 45℃ से ऊपर जाने लगता है तो फिर आपको भी सतर्क होने की जरूरत है क्योंकि इतने तापमान में आपको अपने पशुओं के लिये कुछ जरूरी कदम उठाने बहुत जरूरी हो जाते है। अक्सर लोगों को इसके लिये ज्यादा चिंतित नही देखा गया है लेकिन इतनी तेज गर्मी का असर पशुओं पर काफी अधिक दुष्प्रभाव डालता है। पशुओं की दूध देने की छमता में कमी आ जाती है और साथ मे तेज गर्मी के चलते उनके प्रजनन पर भी असर होता है। इसके अलावा पशुओं में ओर भी कई तरह की बीमारियों के आने का खतरा भी बढ़ जाता है। अत्यधिक गर्मी के कारण सबसे अधिक परेशानी भैंसों को होती है क्योंकि एक तो उनके शरीर पर बाल बहुत कम होते है और दूसरा उनका रंग भी काला होता है। इस रंग के कारण गर्मी सीधे उनके चमड़े में अवशोषित होने लगती है। चलिए आपको इस आर्टिकल में बताते है की तेज गर्मी में पशुओं को कैसे अच्छे से रखने और उनके लिए किन किन बातों का ध्यान रखना जरुरी होता है।
पशुओं का रहने का स्थान
सबसे पहले तो आपको पशुओं के रहने के स्थान पर ध्यान देना बहुत जरुरी है। इसके लिए आपको ये ध्यान रखना होगा की जिस स्थान पर आप पशुओं को रखना चाहते है वो स्थान साफ सुथरा होने के साथ साथ वहां पर हवा की निकासी का पूरा प्रबंध होना बहुत जरुरी होता है। पशुओं के रहने के स्थान पर जो छत है वो जमीन से कम से कम 10 से 12 फ़ीट की ऊंचाई पर होनी चाहिए ताकि पशुओं तक ऊपर से गर्मी ना आने पाये। अगर आपने तीन शेड पशुओं के रहने के स्थान पर डाल रखी है तो आपको उसके ऊपर कुछ 4 से 5 इंच मोती घास की परत बिछा देनी चाहिए। इससे पशुओं कको काफी रहत मिलती है। इसके साथ में पशुओं के रहने वाले स्थान पर आपको कुछ पंखों का भी प्रबंध करके रखना चाहिए। साथ में आपको ये भी ध्यान रखना है की खिड़कियों आदि का प्रयोग आपको जरूर करना है।
पशुओं को रोजाना दो से तीन बार नहलायें
तेज गर्मी में आपको अगर अपने पशुओं की छमता को बरकरार रखना है तो आपको रोजाना दिन में कम से कम 2 से तीन बार पशुओं को नहलाना होगा। इससे पशुओं को काफी रहत मिलेगी। इसके अलावा आपको शेड के ऊपर भी ठन्डे पानी का छिड़काव जरूर करना चाहिए जिससे पशुओं के रहने के स्थान पर गर्मी का प्रकोप बहुत कम हो जायेगा। गर्मियों में आपको अपने पशुओं को ज्यादा से ज्यादा हरा चारा खिलाना चाहिए। इससे एक तो पशुओं के शरीर में पानी की कमी नहीं होगी दूसरा उनको हरे चारे को पचाने में भी आसानी होगी। अगर आप सूखा चारा पशुओं को खुलते है तो सूखे चारे को पचाने के लिए पशुओं को काफी अधिक ऊष्मा का प्रयोग करना पड़ता है।
समय पर पानी पिलायें
आपके पशुओं में पानी की कमी बिलकुल नहीं होने देनी है। आपको रोजाना समय समय पर अपने पशुओं को पानी पिलाते रहना चाहिए । आपको बता दें की दिन में आपको कम से कम 4 से 5 बार पानी जरूर पिलाना चाहिए जिससे उनके शरीर में पानी की कमी नहीं होगी। पशुओं को दिन के समय में बाहर किसी भी पेड़ आदि के निचे ना बांधे क्योंकि इस समय तेज गर्म हवाओं के साथ साथ में लू भी चल रही होती है। खुले में पेड़ के निचे पशुओं को छाया तो मिल जाती है लेकिन लू और तेज गर्म हवाओं से उनकी सुरक्षा नहीं हो पाती है।
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